मोदी सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम पर असर: निवेशकों में निराशा
मुख्य बिंदु:
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का संकट:
- मोदी सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को लेकर निवेशकों के बीच निराशा है।
- सरकारी योजना के तहत सोने की बिक्री में कमी आने के कारण इसे बंद करने की चर्चा है।
- निवेशकों की प्रतिक्रिया:
- स्कीम की अपेक्षाएं पूरी न होने के चलते निवेशकों का उत्साह घटा है।
- सोने के बाजार में अपेक्षित प्रतिक्रिया न मिलने से निवेशकों में निराशा देखी जा रही है।
- सरकारी योजना का उद्देश्य:
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का उद्देश्य था कि लोग फिजिकल गोल्ड में निवेश करने की बजाय सरकारी बांड में निवेश करें।
- इससे सोने के आयात में कमी लाने और देश के फॉरेक्स रिज़र्व को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था।
- स्कीम की असफलता:
- सरकार ने सोने की इस योजना से अच्छे रिटर्न और टैक्स फायदों की उम्मीद की थी, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई।
- निवेशकों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाईं, जिससे स्कीम के बंद होने का संकेत मिल रहा है।
- भविष्य का संकेत:
- सरकार अब इस स्कीम की समीक्षा कर सकती है, ताकि इसकी असफलता के कारणों को समझा जा सके और सुधार किया जा सके।
डिस्क्लेमर:
यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी निवेश निर्णय से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।