Hindenburg पर माधबी पुरी बुच और धवल बुच का जवाब: सभी आरोपों पर विस्तार से स्पष्टीकरण, जानें क्या कहा
SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति पर हिंडनबर्ग के आरोपों का विस्तृत खंडन
आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए प्रेस रिलीज जारी
हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर लगाए गए आरोपों के 24 घंटे के भीतर, रिपोर्ट में उल्लेखित सभी नामों ने इन आरोपों को आधारहीन बताते हुए जवाब दिया है। SEBI चेयरपर्सन और उनके पति ने एक प्रेस रिलीज जारी कर आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और निराधार बताया। यहाँ पढ़ें प्रेस रिलीज के प्रमुख बिंदु:
- शैक्षिक और प्रोफेशनल पृष्ठभूमि
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि माधबी पुरी बुच ने IIM अहमदाबाद से पढ़ाई की है और उनके पास बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में दो दशकों का अनुभव है, जिसमें अधिकांश समय ICICI बैंक में गुजारा। धवल बुच IIT दिल्ली से पढ़े हैं और उनका 35 साल का करियर रहा है, जिसमें वे यूनिलीवर में वरिष्ठ पद पर रहे हैं। इस अवधि के दौरान उनकी आय वेतन, बोनस और स्टॉक ऑप्शन्स के रूप में थी। इसलिए, माधबी पुरी बुच की मौजूदा सरकारी वेतन के आधार पर उनकी संपत्ति पर आरोप लगाना दुर्भावनापूर्ण है। - सिंगापुर में निवास और निवेश
रिलीज में कहा गया कि धवल बुच 2010 से 2019 तक यूनिलीवर में काम करते हुए सिंगापुर और लंदन में रहे, जबकि माधबी 2011 से मार्च 2017 तक सिंगापुर में एक पीई फर्म और बाद में कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत रहीं। रिपोर्ट में उल्लिखित निवेश 2015 में किया गया था, जब वे एक प्राइवेट सिटीजन के रूप में सिंगापुर में रह रही थीं और यह निवेश SEBI में बुच के Whole Time Director के रूप में नियुक्ति से 2 साल पहले किया गया था। - फंड में निवेश और उसकी निकासी
प्रेस रिलीज में कहा गया कि फंड में निवेश और 2018 में निवेश की निकासी का निर्णय फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर अनिल अहूजा द्वारा लिया गया था, जो धवल बुच के बचपन के दोस्त थे और सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन, और 3आई ग्रुप में काम कर चुके थे। अहूजा के कारण यह निवेश किया गया था और 2018 में फंड छोड़ने के साथ उन्होंने भी अपना निवेश निकाल लिया। अहूजा ने पहले ही स्पष्ट किया है कि इस दौरान फंड ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों में कोई भी निवेश नहीं किया। - ब्लैकस्टोन प्राइवेट इक्विटी का संदर्भ
स्टेटमेंट में कहा गया है कि धवल बुच को उनकी सप्लाई चेन मैनेजमेंट में अनुभव के कारण 2019 में ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया था, जो माधबी की SEBI में नियुक्ति से पहले हुआ था। इस नियुक्ति की जानकारी सार्वजनिक थी और धवल ब्लैकस्टोन की रियल एस्टेट साइड से कभी जुड़े नहीं रहे। माधबी की SEBI में नियुक्ति के साथ ही ब्लैकस्टोन को उनकी Recusal List में शामिल किया गया। - SEBI के रेगुलेशन और गवर्नेंस
स्टेटमेंट में कहा गया कि पिछले 2 साल में SEBI ने 300 से अधिक सर्कुलर जारी किए हैं जो पूरे बाजार के इकोसिस्टम पर प्रभाव डालते हैं। ये सभी रेगुलेशन SEBI बोर्ड द्वारा पब्लिक कंसल्टेशन के बाद जारी किए गए हैं। किसी पद के दुरुपयोग का आरोप लगाना पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण है। - कंसल्टिंग कंपनियों की स्थिति
माधबी द्वारा स्थापित की गई दो कंसल्टिंग कंपनियां सिंगापुर में थीं, एक भारत में और दूसरी सिंगापुर में। माधबी की SEBI में नियुक्ति के साथ ही इन कंपनियों को निष्क्रिय कर दिया गया था और सभी जानकारी SEBI को समय पर प्रदान की गई थी। SEBI के पास एक मजबूत तंत्र है और अधिकारियों के डिस्क्लोजर और Recusal से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है। - हिंडनबर्ग द्वारा नोटिस का जवाब
प्रेस रिलीज में कहा गया कि हिंडनबर्ग को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जवाब देने की बजाय उन्होंने आरोप लगाए और SEBI की विश्वसनीयता और चेयरपर्सन की छवि को बिगाड़ने की कोशिश की।