जनवरी से हर महीने मिलेंगे बेरोजगारी के ताजे आंकड़े! जानें इस रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा
सितंबर 2024 से देश में ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी के आंकड़े एक साथ जारी किए जाने की संभावना है। इसके अलावा, जनवरी 2025 से मासिक बेरोजगारी के आंकड़े भी उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम देश में बेरोजगारी और लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन को लेकर अधिक व्यापक और सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
पूरे देश से इकट्ठा होंगे बेरोजगारी के आंकड़े
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत केवल शहरी इलाकों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, पूरे भारत से बेरोजगारी के आंकड़ों को इकट्ठा किया जाएगा। इसके अंतर्गत, सरकार ग्रामीण बेरोजगारी और लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन के आंकड़ों को भी एकत्र करेगी।
जनवरी 2025 से मासिक आधार पर आएंगे बेरोजगारी के आंकड़े
जनवरी 2025 से देश में बेरोजगारी पर मासिक अनुमान भी उपलब्ध होंगे। वर्तमान में, बेरोजगारी के आंकड़े केवल शहरी क्षेत्रों के लिए और तिमाही आधार पर जारी किए जाते हैं, जिसमें बेरोजगारी दर, लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन, और वर्कर पॉपुलेशन रेश्यो शामिल होते हैं। लेकिन अब सरकार इसे मासिक डेटा में बदलने की योजना बना रही है, जिससे आंकड़ों की ताजगी और सटीकता में वृद्धि होगी।
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महिला बेरोजगारी दर में आई गिरावट
फाइनेंशियल ईयर 2024 की अंतिम तिमाही में भारत की महिला बेरोजगारी दर घटकर 8.5 फीसदी हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 9.2 फीसदी थी। वहीं, शहरी बेरोजगारी दर भी एक साल पहले के 6.8 फीसदी से घटकर फाइनेंशियल ईयर 2024 के चौथे क्वार्टर में 6.7 फीसदी रह गई।
सरकार का नई व्यवस्था पर विचार
मनीकंट्रोल ने पहले रिपोर्ट किया था कि सरकार शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए नौकरियों के डेटा जारी करने की अवधि को कम करने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, केंद्र सरकार मासिक आधार पर इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स, और थोक प्राइस इंडेक्स के आंकड़े जारी करती है, और अब बेरोजगारी के आंकड़े भी इसी प्रक्रिया के तहत जारी किए जाएंगे।